टाइटैनिक की उम्र ज्यादा नहीं बची है, वैज्ञानिकों का दावा
वायरल हिन्दी पोस्ट आ सभी रीडर्स का बहुत-बहुत स्वागत करते हैं। भला आप में से टाइटैनिक शब्द से कौन नहीं प्राचीत होगा। जिस आने मूवी बन चुकी है। खैर आप सब जानते होंगे की दुनिया की सभी बड़ी जहाज अपने अपनी पहली यात्रा में ही समुन्द्र में डूब गया। लेकिन इन सबसे हटकर के दावा किया जा रहा है की समुन्द्र के अंदर अब टाइटैनिक का मलबा ज्यादा समय तक टिक नहीं पाएगा। क्योंकी ये मलबा बड़ी तेजी से गल रह है।
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जानकारों और वैज्ञानकों की माने तो आने वाले 20-30 सालों में टाइटैनिक का मलबा पूरी तरह से गल जायेगा और समुन्द्र के पानी में विलीन हो जायेगा। आपको जानकारी के बता दें की टाइटैनिक 10 अप्रैल 1912 को अपनी पहली और अंतिम यात्रा ब्रिटेन के साउथैम्पटन बदरगाह से न्यूयॉर्क के लिए निकल था, लेकिन 14 अप्रैल को एक हिमखंड से टकराकर दो टुकड़ों में टूट गया था और इसका मलबा करीब 3.8 किलोमीटर की गहराई में समा गया था।
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इस हदसे में लगभग 1500 लोग मारे गए थ। इसे घटना को अब तक की सबसे बड़ी समुंदरी घटनाओं में से एक माना जाता है। लगभग 70 साल तक इस जहाज का मलबा अनछुआ ही समुंद के अंदर पड़ा रहा था। पहली बार 1985 में टाइटैनिक के मलबे को खोजकर्ता रॉबर्ट बलार्ड और उनकी टीम ने खोज था।
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यह जहाज जहां डूबा था वहाँ अंधेरा है और समुन्द्र की गहराई में तापमान एक डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है। अब ऐसे में इतनी गहराई में किसी इंसान का जाना और फिर सुरक्षित वापस लौटकर आना बहुत ही मुश्किल काम है, और शायद यही वजह है को कई दशक तक कोई टाइटैनिक के मलबे को खोज नहीं पाया या कोशिश नहीं कीये।
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जानकारों का मानना है की टाइटैनिक के मलबे की उम्र अब ज्यादा नहीं बची है, क्योंकी आने वाल लगभग 20 से 30 साल में टाइटैनिक का मलबा पूरी तरह से गल कर समुन्द्र के पानी में मिल जायेगा। टाइटैनिक के मलबे का गलने के मुख्य कारण समुन्द्र में पाए जाने वाले बैक्टीरिया उसके लोहे से बंदे ढांचे को तेजी से कुतर रहे हैं यही वजह है की वैज्ञानिक मानते हैं की अब टाइटैनिक की उम्र ज्यादा नहीं बची है।
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